government job news: CM मोहन यादव ने सरकारी नौकरी को ख़त्म करने का बनाया फैसला, क्योकि इसमे राज्य का बजट लडखडाने को आया दिक्कत.,

CM मोहन यादव ने सरकारी नौकरी को ख़त्म करने का बनाया फैसला, क्योकि इसमे राज्य का बजट लडखडा जाता है,
CM Mohan Yadav Exclusive: मध्यप्रदेश सरकार ने सरकारी नौकरी को ख़त्म करने का लिया है बड़ा फैसला क्योकि सरकारी नौकरी से सरकार का बजट हिल व डगमगा जाता है इसलिए सरकार ने सरकारी नौकरी को ही ख़त्म करने का किया ऐलान, इसलिए अब छात्रो पर बहुत बुरा असर होता है क्योकि जो छात्र दिन रात मेहनत कर रहे है उनके भबिष्य पर सरकार पानी फेर रही है देश में आज हर युवा सरकारी नौकरी की तैयारी करता है, लोग मन लगाकर पढ़ाई और तैयारी करना एक बेहतरीन काम मानते हैं। लेकिन हमारे देश के प्रधानमंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री युवाओं को नौकरी नहीं देना चाहते, ऐसा उन्होंने खुद कहा है। उल्लेखनीय है कि पत्रकार सुधांशु तिवारी के प्रसारण में साक्षात्कार में कहा गया था कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव युवाओं को नौकरी देने के मूड में बिल्कुल नहीं हैं, उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत अंग्रेजों ने की थी। इससे सरकार का पूरा बजट गड़बड़ा जाता है।
बजट का 60% हिस्सा सरकारी कर्मचारियों को जाता है इससे राज्य का लडखडा जाता है
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में मात्र एक से दो प्रतिशत सरकारी कर्मचारी हैं, लेकिन राज्य का 60 प्रतिशत बजट उनकी देखभाल और वेतन पर खर्च हो जाता है। इसीलिए वह युवाओं को नौकरी देने के बजाय शेल्फडिफेंड बनाना चाहते हैं ताकि युवा आगे बढ़ सकें।
राज्य में बेरोजगार की संख्या 15 मिलियन पार हैं
मध्य प्रदेश में 15 मिलियन बेरोजगार युवा हैं। ऐसे में सरकार चाहकर भी सभी को सरकारी नौकरी नहीं दे सकती। लेकिन भाजपा सरकार देश और प्रदेश के युवाओं को नौकरी नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश कर रही है। ताकि वह खुद आगे बढ़ सके, काम न करे।
पढ़ाई करना बहुत ज़रूरी है
छात्रो को दिल दहला देने वाली बात है की जो छात्र दिन रात पढाई कर रहे है उनके लिए दिल दहला देने वाली बात है की कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि शिक्षा इसलिए बहुत जरूरी है क्योंकि यह न केवल रोजगार उपलब्ध कराती है, बल्कि बुद्धि को विकास के पथ पर ले जाती है। हालाँकि, सवाल यह है कि क्या देश की सरकार ने शिक्षा पर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टैक्स लगाया है। शिक्षा पर 18% टैक्स लगाया जाए, ताकि गरीब और मध्यम वर्ग के परिवार के बच्चे पढ़ सकें।